*••═༻Quran Ka Tarjuma༺═••*
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*✽••Post No➛ 66••✽*
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*❀ Para No-30 ❀*
*❨Surah LaiL❩*
*✦⇝ IS SURAH ME 21 AYAT HAI, AUR YE SURAH MAKKA ME NAZIL HUI HAI.*
*※⇝17 SE 21 AYAT IS POST ME HAIN.*
*★⇝❥BismiLLahirrahmaanirraheem.,*
❶❼➻Aur Usse Aisa Shaks Door Rakha Jayega Jo Bada Parhezgaar Hai,
❶❾➻Aur Siwaye Apne Badi Shaan Wale Parwardigaar Ki Raza Hasil Karne Ke (Ki Yahi Uska Maqsood Hai ) Uske Zimme Kisi Ka Ahsaan Na Tha,
❷⓿➻Ki (Us Dene Se) Uska Badla Utarna (Maqsood) Ho,
❷❶➻Aur Yeh Shaks Jald Hee Khush Ho Jayega (Yaani Aakhirat Me Aisi-Aisi Neamaten Milegi),
*➻Alhumdulillah Ye Surah Bhi Muqammal Hui.*
*🗂 Tafseer Ibne Kaseer Jild 6,{sirf Tarjuma Likha Jaa Raha}*
*••═༻क़ुरआन का तर्जुमा༺═••*
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*✽••पोस्ट नम्बर -६६••✽*
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*❀ पारा नम्बर-३० ❀*
*❨सूर:लैल❩*
*✦⇝इस सूरह में २१ आयत हैं, और ये सूरह मक्का में नाज़िल हुई हैं!.*
*★⇝❥बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम.,*
१७➻और उससे ऐसा शक्स दूर रखा जाएगा जो बड़ा परहेजगार है,
१८➻जो अपना माल (सिर्फ) इस गरज से देता है कि (गुनाहों से) पाक हो जाए,
१९➻और सिवाए अपने बड़ी शान वाले परवरदिगार की रजा हासिल करने के (की यही उसका मकसूद है) उसके ज़िम्मे किसी का एहसान न था,
२०➻की (उस देने से) उसका बदला उतारना (मकसूद) हो,
२१➻और यह शक्स जल्द ही खुश हो जाएगा (यानी आखिरत में ऐसी-ऐसी नेमतें मिलेगी,
*➻अलहम्दुलिल्लाह ये सूर: भी मुकम्मल हुई,*
*🗂तफ़सीर इब्न ए कसीर जिल्द ६.{सिर्फ तर्जुमा लिखा जा रहा }*
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