*•═༻Quran Ka Tarjuma༺═•*
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*✽••Post No➛ 54••✽*
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*❀ Para No-30 ❀*
*❨Surah Fajr❩*
*✦⇝ IS SURAH ME 30 AYAT HAI, AUR YE SURAH MAKKA ME NAZIL HUI HAI.*
*※⇝27 SE 30 AYAT IS POST ME HAIN.*
*★⇝❥BismiLLahirrahmaanirraheem.,*
❷❼➻(Aur Jo Allah Taala Ke Farmabardar The Unko Irshaad Hoga Ki) Aye Itminaan Wali Rooh !,
❷❽➻To Apne Parwardigar (Ke Kareeb Rehmat) Ki Taraf Chal, Is Tarah Se Ki To Usse Khush Aur Wo Tujhse Khush,
❷❾➻Fir (Udhar Chalkar) To Mere (Khaas) Bando Me Shamil Ho Jaa (Ki Ye Bhi Roohani Neamat Hai),
❸⓿➻Aur Meri Jannat Me Dakhil Ho Jaa
*➻Alhumdulillah Ye Surah Bhi Muqammal Hui.*
*🗂 Tafseer Ibne Kaseer Jild 6,{sirf Tarjuma Likha Jaa Raha}*
*••═༻क़ुरआन का तर्जुमा༺═••*
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*✽••पोस्ट नम्बर -५४••✽*
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*❀ पारा नम्बर-३० ❀*
*❨सूर: फज्र❩*
*✦⇝इस सूरह में ३० आयत हैं, और ये सूरह मक्का में नाज़िल हुई हैं!.*
*※⇝२७ से ३० आयत इस पोस्ट में हैं!.*
*★⇝❥बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम.,*
२७➻(और जो अल्लाह ताला के फर्माबरदर थे उनको इरशाद होगा कि ) ऐ इत्मीनान वाली रूह !
२८➻तू अपने परवरदिगार (के करीब रहमत) की तरफ चल,इस तरह से की तू उससे खुश और वह तुझसे खुश,
२९➻फिर (उधर चलकर) तू मेरे (खास) बन्दों में शामिल हो जा (की यह भी रूहानी नेमत है),
३०➻और मेरी जन्नत में दाखिल हो जा,
*➻अलहम्दुलिल्लाह ये सूर: भी मुकम्मल हुई,*
*🗂तफ़सीर इब्न ए कसीर जिल्द ६.{सिर्फ तर्जुमा लिखा जा रहा }*
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