*••═༻Quran Ka Tarjuma༺═••*
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*✽••Post No➛ 59••✽*
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*❀ Para No-30 ❀*
*❨Surah Shams❩*
*✦⇝ IS SURAH ME 15 AYAT HAI, AUR YE SURAH MAKKA ME NAZIL HUI HAI.*
*※⇝1 SE 5 AYAT IS POST ME HAIN.*
*★⇝❥BismiLLahirrahmaanirraheem.,*
❶➻Qasam Hai Suraj Ki Aur Uski Roshni Ki,
❷➻Aur Chand Ki Jab Suraj (Ke Chupne Ke) Piche Aaye,
❸➻Aur (Qasam Hai) Din Ki Jab Wo Us (Suraj) Ko Khoob Roshan Kar De,
❹➻Aur (Qasam Hai) Raat Ki Jab Wo Us (Suraj) Ko Chupaa Le,
❺➻Aur (Qasam Hai) Aasmaan Ki Aur Us (Zaat) Ki Jisne Usko Banaya,
*🗂 Tafseer Ibne Kaseer Jild 6,{sirf Tarjuma Likha Jaa Raha}*
*••═༻क़ुरआन का तर्जुमा༺═••*
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*✽••पोस्ट नम्बर -५९••✽*
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*❀ पारा नम्बर-३० ❀*
*❨सूर:शम्स❩*
*✦⇝इस सूरह में १५ आयत हैं, और ये सूरह मक्का में नाज़िल हुई हैं!.*
*※⇝१ से ५ आयत इस पोस्ट में हैं!.*
*★⇝❥बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम.,*
१➻कसम है सूरज की और उसकी रोशनी की,
२➻और चांद की जब सूरज (के चूपने के) पीछे आए,
३➻और (कसम है) दिन की जब वह उस (सूरज) को खूब रोशन कर दे,
४➻और (कसम है) रात की जब वह उस (सूरज) को छुपा ले,
५➻और (कसम है) आसमान की ओर उस (ज़ात) की जिसने उसको बनाया,
*🗂तफ़सीर इब्न ए कसीर जिल्द ६.{सिर्फ तर्जुमा लिखा जा रहा }*
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