┌┅┄┅✽•••❀❀❀•••✽┅┄┅┐
*✽••Post No➛50••✽*
└┅┄┅✽•••❀❀❀•••✽┅┄┅┘
*❀ Para No-30 ❀*
*❨Surah Fajr❩*
*✦⇝ IS SURAH ME 20 AYAT HAI, AUR YE SURAH MAKKA ME NAZIL HUI HAI.*
*※⇝7 SE 11 AYAT IS POST ME HAIN.*
*★⇝❥BismiLLahirrahmaanirraheem.,*
❼ Jinke Deel-Dol Sutono Jaise (Lambe) The,
❽ (Aur) Jinke Barabar (Taqat Wa Quwat Me Duniya Bhar Ke) Shahro Me Koi Shaks Nahi Paida Kiya Gaya,
❾ Aur (Aapko Maloom Hai Ki) Qaume Samood Ke (Sath Kya Mamla Kiya) Jo Wadi E Qurra Me (Pahaad Ke) Patharon Ko Tarasha Karte The (Aur Makaanat Banaya Karte The)
❶⓿ Aur Mekhen Wale Firaun Ke Saath,
❶❶ Jinhone Shahro Me Sir Utha Rakha Tha,
*🗂 Tafseer Ibne Kaseer Jild 6,{sirf Tarjuma Likha Jaa Raha}*
*••═༻क़ुरआन का तर्जुमा༺═••*
┌┅┄┅✽•••❀❀❀•••✽┅┄┅┐
*✽••पोस्ट नम्बर -५०••✽*
└┅┄┅✽•••❀❀❀•••✽┅┄┅┘
*❀ पारा नम्बर-३० ❀*
*❨सूर: फज्र❩*
*✦⇝इस सूरह में २० आयत हैं, और ये सूरह मक्का में नाज़िल हुई हैं!.*
*※⇝७ से ११ आयत इस पोस्ट में हैं!.*
*★⇝❥बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम.,*
७ जिनके डील-डोल सुतूनो जैसे (लंबे) थे,
८ (और) जिनके बराबर (ताकत व कूवात में दुनियां भर के) शहरों में कोई शक्स नहीं पैदा किया गया,
९ और (आपको मालूम है कि) कौमें समूद के (साथ क्या मामला किया) जो वादी ए कुर्रा में (पहाड़ के) पत्थरों को तराशा करते थे (और मकानात बनाया करते थे)
१० और मेखें वाले फिरओंन के साथ,
११ जिन्होंने शहरों में सर उठा रखा था,
*🗂तफ़सीर इब्न ए कसीर जिल्द ६.{सिर्फ तर्जुमा लिखा जा रहा }*
No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.