*••═༻Quran Ka Tarjuma༺═••*
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*✽••Post No➛ 58••✽*
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*❀ Para No-30 ❀*
*❨Surah Al-Balad❩*
*✦⇝ IS SURAH ME 20 AYAT HAI, AUR YE SURAH MAKKA ME NAZIL HUI HAI.*
*※⇝17 SE 20 AYAT IS POST ME HAIN.*
*★⇝❥BismiLLahirrahmaanirraheem.,*
❶❼➻Fir (Sabse Badkar Ye Ki ) Un Logo Me Se Na Hua Jo Emaan Laye Aur Ek-Dusre Ko (Emaan Ki) Pabandi Ki Nasihat Wa Tambeeh Ki, Aur Ek-Dusre Ko (Makhluq Par) Reham Karne Ki (Yaani Zulm Ko Chor Ne Ki) Tambeeh Wa Nasihat Ki,
❶❽➻Log Daahine Wale Hain,
❶❾➻Aur Jo Log Humari Aayaton Ke Inkaari Hain Wa Log Baayen Wale Hain,
❷⓿➻Un Par Gherne Wali Aag Hogi Jisko Band Kar Diya Jayega,
*🗂 Tafseer Ibne Kaseer Jild 6,{sirf Tarjuma Likha Jaa Raha}*
*••═༻क़ुरआन का तर्जुमा༺═••*
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*✽••पोस्ट नम्बर -५८••✽*
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*❀ पारा नम्बर-३० ❀*
*❨सूर: अल-बलद् ❩*
*✦⇝इस सूरह में २० आयत हैं, और ये सूरह मक्का में नाज़िल हुई हैं!.*
*※⇝१७ से २० आयत इस पोस्ट में हैं!.*
*★⇝❥बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम.,*
१७➻फिर (सबसे बढकर ये की) उन लोगो में से ना हुए जो ईमान लाए और एक-दूसरे को (ईमान की) पाबंदी की नसीहत व तंबीह की,और एक-दूसरे को (मखलुक पर) रहम करने की (यानी ज़ुल्म को छोड़ने की) तंबीह व नसीहत की,
१८➻यही लोग दाहिने वाले हैं,
१९➻और जो लोग हमारी आयतों के इनकारी हैं वेे लोग बाएं वाले हैं,
२०➻उन पर घेरने वाली आग होगी जिसको बंद कर दिया जाएगा,
*🗂तफ़सीर इब्न ए कसीर जिल्द ६.{सिर्फ तर्जुमा लिखा जा रहा }*
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