*••═༻Quran Ka Tarjuma༺═••*
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*✽••Post No➛ 41••✽*
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*❀ Para No-30 ❀*
*❨AL-ALA❩*
*✦⇝ IS SURAH ME 19 AYAT HAI, AUR YE SURAH MAKKA ME NAZIL HUI HAI.*
*※⇝6 SE 10 AYAT IS POST ME HAIN.*
*★⇝❥BismiLLahirrahmaanirraheem.,*
❻➻「Is Quran Ke Baare Me Hum Waida Karte Hain Ki」 Hum 「Jitna」 Quran 「Nazil Karte Jayenge」 Aapko Padha Diya Karenge 「Yaani Yaad Kara Diya Karenge」 Fir Aap Usme Se Koi Hissa Nahi Bholenge,
❼➻Magar Jis Qadr 「Bholana」 Allah Ko Manzoor Ho 「Ki Mansookh Karne Ka Tariqa Ye Bhi Hai」 Woh Zahir Aur Chupii Har Cheez Ko Janta Hai,
❽➻Aur 「Isi Tarah」 Hum Is Shariat Ke Liye Aapko Sahulat Denge Yaani Samjhna Bhi Aasaan Hoga Aur Amal Bhi Asaan Hoga,
❾➻To Aap Nasihat Kiya Kijiye, Agar Nasihat Karna Mufeed Hota Ho,
❶⓿➻Wohi Shakhs Nasihat Manta Hai Jo 「Khuda Se」 Darta Hai,
*🗂 Tafseer Ibne Kaseer Jild 6,{sirf Tarjuma Likha Jaa Raha}*
*••═༻क़ुरआन का तर्जुमा༺═••*
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*✽••पोस्ट नम्बर -४१••✽*
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*❀ पारा नम्बर-३० ❀*
*❨अल आला❩*
*✦⇝इस सूरह में १९ आयत हैं, और ये सूरह मक्का में नाज़िल हुई हैं!.*
*※⇝६ से १० आयत इस पोस्ट में हैं!.*
*★⇝❥बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम.,*
६➻「इस क़ुरआन के बारे में हम वायदा करते हैं कि」 हम 「जितना」 क़ुरआन 「नाज़िल करते जायेंगे」 आपको पढ़ा दिया करेंगे 「यानी याद करा दिया करेंगे 」 फ़िर आप उसमें से कोई हिस्सा नहीं भूलेंगे
७➻मगर जिस क़द्र 「भुलाना」 अल्लाह को मंज़ूर हो 「की मंसूख़ करने का तरीक़ा यह भी है 」वह ज़ाहिर और छुपी हर चीज़ को जानता है
८➻और 「इसी तरह」 हम इस शरीअत के लिए आपको सहुलत देंगे यानी समझना भी आसान होगा और अमल भी आसान होगा
९➻तो आप नसीहत किया कीजिए, अगर नसीहत करना मुफ़ीद होता हो
१०➻वही शख्स नसीहत मानता है जो 「ख़ुदा से 」डरता है
*🗂तफ़सीर इब्न ए कसीर जिल्द ६.{सिर्फ तर्जुमा लिखा जा रहा }*
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