*SOOD ARAAM HONE KI HIKMATEN*
⭕ AAJ KA SAWAL NO.1314⭕
PART 2.
*Sood kyun haraam hai?* Uske dunyawi nuqsaanat kya kya hain?
🔵JAWAB🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
Uske dunyawi nuqsaanat bahot se hain jinme se kal 6 bataye the mazeed hasbe zail hain.
*7.Fuzoo karchi karna* Har woh shakhs jiski kamayi (income) bila mehnat ki ya haram ki hogi woh fuzool kharchi (apne maal ko rasmo riwaaj aur dikhlawe) me bagair faidah ke kamon me khub udayega.
*8.Nikammah-sust ho jana*
Jisko nafa bagair mehnat ke baithe baithe kamane ki aadat pad jati hai woh apna hunar (fan) bhool jata hai fir usse mehnat ka kaam nahin hota uski tabiyat sust ho jati hai.
*9.Mehngai badhna*
Bade bade taajr (businessman) ko badi badi loan milti hai chhote taajir ko badi loan nahin milti isliye bade taajir bazar se puraa maal utha leta hai fir apni manmaani qeemat se bechta hai kyun ke usko itna lamba fixed nafa (sood) chukana hai isliye menhga bechna zaruri ho jata hai.
*10.bakheel (kanjoos) ho jana*
Kyun ke usko duniya, mulk, shahar, ke sab se ziyadah maaldar aadmi me jo number hasil hai woh us unche no. Se niche no. Par na aa jaye isliye yeh itne maaldar, ziyadah bank balance ke maalik hone ke bawajood lambi raqam kabhi bhi hospital ya gareebo ke faidah ke liye nahin dete.
(Baaqi insha'Allah kal)
و الله اعلم بالصواب
*सूद हराम होने की हिकमतें*
⭕ आज का सवाल नंबर १३१४⭕
पार्ट २.
सूद क्यों हराम है ? इस के के दुनयावी नुक़सानात क्या क्या है?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
उस के दुनयावी नुक़सानात बहुत से हैं जिस में से कल ६ बताये थे मज़ीद हसबे ज़ैल हैं.
७. *फ़ुज़ूल खर्ची करना*
हर वह शख्स जिस की कमाई बिला मेहनत की या हराम की होगी वह फ़ुज़ूल खर्ची-अपने माल को रस्मो रिवाज, दिख्लावे में और बगैर फ़ायदा के कामो में खूब उड़ाएगा.
८. *निकम्मा-सुस्त हो जाना*
-जिस को नफा बगैर मेहनत के बैठे बैठे कमाने की आदत पद जाती है वह अपना हुनर-फन भूल जाता है फिर उस से मेहनत का काम नहीं होता उस की तबीयत सुस्त हो जाती है.
९. *महंगाई बढ़ना*
बड़े बड़े ताजीर को बड़ी बड़ी लोन मिलती है, छोटे ताजिर को बड़ी लोन नहीं मिलती, इसलिए बड़े ताजिर बाजार से पूरा माल उठा लेता है फिर अपनी मनमानी क़ीमत से बेचते है क्यों उस को इतना लम्बा फिक्स नफा-सूद चुकाना है इसलिए मंहगा बेचना ज़रूरी हो जाता है.
१०. *बख़ील-कंजूस हो जाना*
क्यों के उस को दुन्या, मुल्क ,शहर के सब से ज़यादा मालदार आदमी में जो नंबर हासिल है वह उस ऊँचे नंबर से निचे नंबर पर न आ जाये इसलिए ये इतने मालदार ज़यादा बैंक बेलेन्स के मालिक होने के बावजूद लम्बी रक़म कभी भी हॉस्पिटल या गरीबो के फ़ायदा के लिए नहीं देते.
बाक़ी कल इंशाअल्लाह.
و الله اعلم بالصواب
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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